रामरतन देव जू के पुत्र संकटदेव जी हुए, संकट देव जी के 6 पुत्र हुए, एक पुत्र चंद्र सेन जी, बाकि चार बांदियों के हुए,
1-धिराज जू, जो रिजोरएटा मे जाकर बस गए, इन्हे राजा का रामपुर लड़की ब्याही गयी.
2-रणसुम्मेर देव जू, जो इटावा खास जाकर बस, गद्दी प्रतापनेर, बाद मे प्रताप गढ़ जाकर बसें.
3-प्रताप रूद्र, जो मैनपुरी मे बसे.
4-चंद्र सेन जी. जो चकरनगर, इटावा मे जाकर बसे, वहां से फ़िरोज़ाबाद (तत्कालीन नाम चंद्रावर मे जाकर बस गए.
5-चंद्र शेव जी, जो चंद्र कोना, असम जाकर बसे., इनके आगे की सन्तानति मे धवल चौहान हुए, जिन्होंने महा भारत की लिखी.
-मैनपुरी मे बसे राजा प्रताप रूद्र जी के दो पुत्र हुए,
1-राजा वीरसिंह देव जू, जो मैनपुरी मे बसें
2-धारक देव जू, जो पतारा क्षेत्र मे जाकर बस गए.
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मैनपुरी के राजा वीरसिंह जू देव के चार पुत्र हुए.
1-महाराजा धीरशाह जी, इनसे मैनपुरी के आस पास के गॉव मे बस गए, असौली गॉव, करीमगंज के पास बस गए.
2-राव गणेश जू, जो एटा के गंजडुंडवारा मे जाकर बस गए, इनके 27 गॉव पटियाली आदि हैं.
3- कुंवर अशोकमल जी, जो गांव उझैया, अशोकपुर, फकीरपुर आदि है, कुरावली, मैनपुरी.....
4-पूर्णमल जी, जिनके गॉव सौरिख, सकरावां, जसमंडी, आदि गॉव हैं. जिला -कन्नौज.
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महाराजा धीरशाह जी के तीन पुत्र हुए.
1-भाव सिंह, जो मैनपुरी मे बसें.
2-भारतेन्दु जी, जिनके नौनेर, काकन, संकरा, उमरैन, दौलतपुर आदि गॉव हैं.
3-ख़ानदेव जू, जिनकी संतनि, नगला जुलाहा, पंचवटी आदि गॉव हैं. जिला -कुरावली, मैनपुरी..
ख़ानदेव जू के भाव सिंह हुए, भाव सिंह के देवराज हुए, देवराज के धर्मोंगड जी हुए, धर्मो गड के तीन पुत्र हुए,
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1-जगत मल जी, जो मैनपुरी मे बसें.
2-कीरत सिंह, जिनकी संतनि किसनी के आस -पास हैं.
3-पहाड़ सिंह, जिनके गॉव सिमरइ, सहारा, औरन्ध आदि गॉव हैं. पड़रिया चौराहा के 3 किलो मीटर आगे हैं, नगला औरन्ध, माधान कस्वां हैं, कुरावली, जिला मैनपुरी हैं, औरन्ध फ़िरोज़ाबाद मेहै.
उपरोक्त प्रशाखायो मे करीब 125 ईस्वी के बाद मे आनादेव जू पैदा हुए, अनादेव के सूरसेनजी, और दत्तक पुत्र....
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Fb:bhashkarkumar. Bhashkarkumar. Fb. Com. thelallantop.com
1-धिराज जू, जो रिजोरएटा मे जाकर बस गए, इन्हे राजा का रामपुर लड़की ब्याही गयी.
2-रणसुम्मेर देव जू, जो इटावा खास जाकर बस, गद्दी प्रतापनेर, बाद मे प्रताप गढ़ जाकर बसें.
3-प्रताप रूद्र, जो मैनपुरी मे बसे.
4-चंद्र सेन जी. जो चकरनगर, इटावा मे जाकर बसे, वहां से फ़िरोज़ाबाद (तत्कालीन नाम चंद्रावर मे जाकर बस गए.
5-चंद्र शेव जी, जो चंद्र कोना, असम जाकर बसे., इनके आगे की सन्तानति मे धवल चौहान हुए, जिन्होंने महा भारत की लिखी.
-मैनपुरी मे बसे राजा प्रताप रूद्र जी के दो पुत्र हुए,
1-राजा वीरसिंह देव जू, जो मैनपुरी मे बसें
2-धारक देव जू, जो पतारा क्षेत्र मे जाकर बस गए.
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मैनपुरी के राजा वीरसिंह जू देव के चार पुत्र हुए.
1-महाराजा धीरशाह जी, इनसे मैनपुरी के आस पास के गॉव मे बस गए, असौली गॉव, करीमगंज के पास बस गए.
2-राव गणेश जू, जो एटा के गंजडुंडवारा मे जाकर बस गए, इनके 27 गॉव पटियाली आदि हैं.
3- कुंवर अशोकमल जी, जो गांव उझैया, अशोकपुर, फकीरपुर आदि है, कुरावली, मैनपुरी.....
4-पूर्णमल जी, जिनके गॉव सौरिख, सकरावां, जसमंडी, आदि गॉव हैं. जिला -कन्नौज.
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महाराजा धीरशाह जी के तीन पुत्र हुए.
1-भाव सिंह, जो मैनपुरी मे बसें.
2-भारतेन्दु जी, जिनके नौनेर, काकन, संकरा, उमरैन, दौलतपुर आदि गॉव हैं.
3-ख़ानदेव जू, जिनकी संतनि, नगला जुलाहा, पंचवटी आदि गॉव हैं. जिला -कुरावली, मैनपुरी..
ख़ानदेव जू के भाव सिंह हुए, भाव सिंह के देवराज हुए, देवराज के धर्मोंगड जी हुए, धर्मो गड के तीन पुत्र हुए,
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1-जगत मल जी, जो मैनपुरी मे बसें.
2-कीरत सिंह, जिनकी संतनि किसनी के आस -पास हैं.
3-पहाड़ सिंह, जिनके गॉव सिमरइ, सहारा, औरन्ध आदि गॉव हैं. पड़रिया चौराहा के 3 किलो मीटर आगे हैं, नगला औरन्ध, माधान कस्वां हैं, कुरावली, जिला मैनपुरी हैं, औरन्ध फ़िरोज़ाबाद मेहै.
उपरोक्त प्रशाखायो मे करीब 125 ईस्वी के बाद मे आनादेव जू पैदा हुए, अनादेव के सूरसेनजी, और दत्तक पुत्र....
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Thanks
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