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UDHAMSINGHNAGAR JILAADHIKARI SUCHI

1-S.S.SIDHU-IAS-1/10/1995-31/12/1995

2-ASHOK KUMAR_IAS-31/12/1995-07/08/1996

3-MAHESH KUMAR GUPTA-IAS-07/08/1996-15/07/1997

4-JITENDRA KUMAR-IAS-15/07/1997-28/03/1998

5-NARENDRA BHUSHAN-IAS-28/03/1998-15/07/2000

6-RAM KRIPAL SINGH-IAS-15/07/2000-28/08/2000

8-RAJESH KUMAR-IAS-28/08/2000-09/01/2001

9-SHREE CHANDRA SINGH-IAS--11/01/2001-27/06/2001

10-B,C.CHANDELA-IAS-02/07/2001-29/12/2001

11-SUNDER LAl -IAS-28/03/2005-21/05/2007

12-GOPAL KRISHAN DWIDI-IAS-22/05/2007-18/06/2008

13-D.SENTHIL PANDIAN-IAS-18/06/2008-03/11/2008

14-SURENRA SINGH RAWAT-IAS-04/11/2008-15/06/2009

15-MOHAN CHANDRA-IAS-17/06/2009-15/08/2010

16-DR.B.R.R,C.PURSHOUTAM-IAS-16/08/2010-04/10/2011

17-P.S.JUNGJUNGPANGI-IAS-04/10/2011-14/04/2012

18-B.K.SANT-IAS-14/04/2012-03/12/2013
19-DR.PANKUJ KUMAR PANDEY-IAS-03/12/2013-06/11/2015

20-AKSHAY GUPTA-iAS-06/11/2015-31/05/2016

21-DR.ASHISH KUMAR SHRIVASTAV-IAS-07/06/2015-21/09/2016

22-CHANDRESH KUMAR-IAS-22/09/2016-23/03/2017

23-DR.NEERAJ KHARWAL-iAS_24/03/2017-
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चंद्रवार से फ़िरोज़ाबाद तक बनने की कहानी

चंद्रवार गेट -------------- चंद्रवार गेट, फ़िरोज़ाबाद जिले के अंतर्गत आता हैँ। यहाँ पर विदेशी आक्रमणकारी मुहम्मद गौरी और राजा जयचंद के बीच युद्ध हुआ। चंद्रवार फ़िरोज़ाबाद नगर से 5 किमी दूर यमुना तट पर बसा हुआहै। वर्तमान मे चंद्रवार किसी समय एक महत्वपूर्ण और सुसमपन्न नगर था। जिसके विषय के जैन विद्वानों की यह मान्यता थी। यह क्षेत्र भगवान कृष्ण के वासुदेव द्वारा शासित रहा है। कहा जाता हैँ, की चंद्रवार नगर की स्थापना चन्द्रसेन ने कीथी। 1392 ई। में धनपाल के द्वारा रचित ग्रन्थ बनहुबली चरित्र में चंद्रवार के साँथरी राय, सारंग, और नरेंद्र, अभय चंद्र, रामचंद्र राजाओं का आह मिलता है। इतिहास ----------- चौहान वंश के राजा चंद्र सेन का महल आज खँडहर हो चूका हैँ। इस महल के करीब ही राजा चन्द्रसेन के बेटे का किला है। इस किले को राजा चंद्रपाल ने अपने पिता के याद में बनबाया था। इस किले को चंद्रवारों के नाम से जाना जाता है। यह किला शहर से 7 किमी दूर यमुना तट किनारे स्थित हैं। राजा चन्द्रसेन के महल से लेकर राजा चन्द्रवार के किले तक इस पूरे क्षेत्र को चंद्रवार का नगर के नाम सेजाना जाता है।] https://www.firo...

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रामरतन देव जू के पुत्र संकटदेव जी हुए, संकट देव जी के 6 पुत्र हुए, एक पुत्र चंद्र सेन जी, बाकि चार बांदियों के हुए, 1-धिराज जू, जो रिजोरएटा मे जाकर बस गए, इन्हे राजा का रामपुर लड़की ब्याही गयी. 2-रणसुम्मेर देव जू, जो इटावा खास जाकर बस, गद्दी प्रतापनेर, बाद मे प्रताप गढ़ जाकर बसें. 3-प्रताप रूद्र, जो मैनपुरी मे बसे. 4-चंद्र सेन जी. जो चकरनगर, इटावा मे जाकर बसे, वहां से फ़िरोज़ाबाद (तत्कालीन नाम चंद्रावर मे जाकर बस गए. 5-चंद्र शेव जी, जो चंद्र कोना, असम जाकर बसे., इनके आगे की सन्तानति मे धवल चौहान हुए, जिन्होंने महा भारत की लिखी. -मैनपुरी मे बसे  राजा प्रताप रूद्र  जी के दो पुत्र हुए, 1-राजा वीरसिंह देव जू, जो मैनपुरी मे बसें 2-धारक देव जू, जो पतारा क्षेत्र मे जाकर बस गए. ------------------------------------------------------ मैनपुरी के राजा वीरसिंह जू देव के चार पुत्र हुए. 1-महाराजा धीरशाह जी, इनसे मैनपुरी  के आस पास के गॉव मे बस गए, असौली गॉव, करीमगंज  के पास  बस गए. 2-राव गणेश जू, जो एटा के गंजडुंडवारा मे जाकर बस गए, इनके 27 गॉव पटियाली आदि हैं. 3...

Bharat main vaxinataion main vishavguru

bharat main vaxination vishav guru banane ki agrasar- hal hi main Bharat ki bani kovaxin ke bahut saari vaxin ki demind aayi.jaise lagta hain bharat vishavguru banane ke path par chal raha.