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Showing posts from May, 2019

##chouhanvansavali

रामरतन देव जू के पुत्र संकटदेव जी हुए, संकट देव जी के 6 पुत्र हुए, एक पुत्र चंद्र सेन जी, बाकि चार बांदियों के हुए, 1-धिराज जू, जो रिजोरएटा मे जाकर बस गए, इन्हे राजा का रामपुर लड़की ब्याही गयी. 2-रणसुम्मेर देव जू, जो इटावा खास जाकर बस, गद्दी प्रतापनेर, बाद मे प्रताप गढ़ जाकर बसें. 3-प्रताप रूद्र, जो मैनपुरी मे बसे. 4-चंद्र सेन जी. जो चकरनगर, इटावा मे जाकर बसे, वहां से फ़िरोज़ाबाद (तत्कालीन नाम चंद्रावर मे जाकर बस गए. 5-चंद्र शेव जी, जो चंद्र कोना, असम जाकर बसे., इनके आगे की सन्तानति मे धवल चौहान हुए, जिन्होंने महा भारत की लिखी. -मैनपुरी मे बसे  राजा प्रताप रूद्र  जी के दो पुत्र हुए, 1-राजा वीरसिंह देव जू, जो मैनपुरी मे बसें 2-धारक देव जू, जो पतारा क्षेत्र मे जाकर बस गए. ------------------------------------------------------ मैनपुरी के राजा वीरसिंह जू देव के चार पुत्र हुए. 1-महाराजा धीरशाह जी, इनसे मैनपुरी  के आस पास के गॉव मे बस गए, असौली गॉव, करीमगंज  के पास  बस गए. 2-राव गणेश जू, जो एटा के गंजडुंडवारा मे जाकर बस गए, इनके 27 गॉव पटियाली आदि हैं. 3...

चाहवान वंश (चतुर्भुज )

चाहवान  वंश (चतुर्भुज ) ---------------------------------------------------------------------------------------------------------- अग्निवेश के  सम्मेलन कर्ता  ऋषि --------------------------------------------------- 1-वत्सम  ऋषि 2-भार्गव ऋषि 3-अत्रि ऋषि 4-विश्र्वामित्र  ऋषि, बिभिन ऋषियों ने प्रकट होकर अग्नि देव को आहुति दी, तोह विभिन्न  ऋषियों ने चार वंसौ की उत्पत्ति की. इस प्रकार 1-पाराशर ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी, परिहार की उत्पत्ति की. (पाराशर  ऋषि गोत्र ) 2-वशिष्ठ ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी.तोह परमार की उत्पत्ति की.  (वशिष्ठ गोत्र ) 3-भारद्वाज ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो सोलंकी  की उत्पत्ति की. (भारद्वाज  गोत्र ) 4-वत्स ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो चौहान की उत्पत्ति की. (वत्स गोत्र ) चौहान की उत्पत्ति  अबू शिखर पर हुई. दोहा :- चौहान का  वंश उजागर  हैँ, जिन जन्म लियो धारी के भुजा चारी, बौद्ध मतों को विनाश कियो और विप्रन को दिए वेद सुचारी" चौहान की पीडियो की ...

##chouhan vansavawali

चौहान  Chouhan ------------- Ruled in ------------------------------------------ Nadol, Jalor, Dhundhar, Ajmer, Dilhi, Haryana,Nemrana, Hadoti, godawar. -------------------------------------------------- Teridories Ajmer, (7thCenturi-1365) Ranathambore, (1236-1301) (prathaviraj-I I I) Prindy:- ------------- Tulsipur(7th-1357) State:-Mainpuri, Devgarh, Baria, Ambaliara state, Bhadaiyanraj, Bundi, 1-Sirohi, 2-Kathi Chouhan, chouhan  or   chouhan is cominity sometimes   described  as  a  tribes  and  sometimes  as a cast. In the medieval  period  some  these. Associated  with it  ruled  parts of harthan india and one.  Prathaviraj chouhan was the kingofdilhi.  Bharatsinghbloggerwritter.com