चाहवान वंश (चतुर्भुज )
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अग्निवेश के सम्मेलन कर्ता ऋषि
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1-वत्सम ऋषि
2-भार्गव ऋषि
3-अत्रि ऋषि
4-विश्र्वामित्र ऋषि, बिभिन ऋषियों ने प्रकट होकर अग्नि देव को आहुति दी, तोह विभिन्न ऋषियों ने चार वंसौ की उत्पत्ति की.
इस प्रकार
1-पाराशर ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी, परिहार की उत्पत्ति की. (पाराशर ऋषि गोत्र )
2-वशिष्ठ ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी.तोह परमार की उत्पत्ति की. (वशिष्ठ गोत्र )
3-भारद्वाज ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो सोलंकी की उत्पत्ति की. (भारद्वाज गोत्र )
4-वत्स ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो चौहान की उत्पत्ति की. (वत्स गोत्र )
चौहान की उत्पत्ति अबू शिखर पर हुई.
दोहा :-
चौहान का वंश उजागर हैँ, जिन जन्म लियो धारी के भुजा चारी,
बौद्ध मतों को विनाश कियो और विप्रन को दिए वेद सुचारी"
चौहान की पीडियो की बाद अजयपाल जी महाराज पैदा हुए. जिन्होंने अबू पर्वत छोड़कर अजमेर शहर बसाया. अजमेर मै पृथवीतल से 15 मील ऊँचा तारागढ़ किला बनबाया, जिसकी वर्तमान मील 10 मील ऊंचाई हैँ, महाराज अजयपाल सिंह चक्रवती सम्राट हुए.
इसमें कई वंश के बाद मणिकदेव जू हुए, जिन्होंने सांभर झील बनाई थी,
सांभर बिन अलोना खाये, माटी बिके यह भेद कहाये.
इनकी कई पीढ़ियों के बाद मणिकदेव जू उर्फ़ लाखन देव जू पैदा हुए.
इनके चौबीस पुत्र हुए और इनकी नाम पर 24 शाखाएं चली और चली आ रही हैं.
1-मुहुकर्ण जी ऊजापारिया या ुजपालिया चौहान, प्रथवीराज का वंश.
2-लालशाह ऊर्फ लालसिंह चौहान हुए, जो मद्रास मैं बसें.
3-हीरा सिंह, धधेदा चौहान हुए, बुंदेलखंड और सिद्धगढ़ मैं बसें.
4-सार्दुलजी सोनगरा चौहान हुए, जालौर झंडी ईसानगर मैं बसें.
5-भगत राज जी, निर्वाण चौहान कहलाये, जो खण्डेला से विखराव
6-अष्ठपाल जी हाडा चौहान , जो कोटा, बूँदी, गद्दी सरकार से सम्मान्नित, 21 तोपों से सलामी.
7-चंद्रपाल जी भदौरिया चौहान, जो चंदावर भदोरा गाव मे, नौगांव, जिला आगरा.
8-चोहिल जी, चोहिल चौहान नाडौल मारवार विखराव हो गया.
9-शूरसेन जी देवरा चौहान, जो सिरोही, सीकर जिला, मध्य प्रदेश, सम्मानित.
10-सामंत जीसाचौरा चौहान, सांचौर का राज्य टूट गया.
11-मोहिल जी चौहान,जो मौहिल गढ़ का राज्य टूट गया.
12-खेवेराज जी उर्फ़ ानकजी बालेगा चौहान, पढालगढ़ का राज्य टूट गया.
13-पोहपसेन जी पवैया चौहान, जो पवैय्यागढ़, गुजरात.
14-मानपाल जी, मौरी चौहान, चाँदोरगढ़ की गद्दी.
15-राजकुमार जी राजकुमार चौहान, जो बलौरघाट, जिला सुल्तानपुर मे.
16-जसराज जी जैनवार चौहान, जो पटना, बिहार गद्दी, जो टूट गयी.
17-सहमल जी वलेशा चौहान, जो मारवाड़ गद्दी राजस्थान.
18-बच्छराज जी बच्छगोत्री चौहान, जो अवध मे गद्दी, टूट गयी.
19-चंद्र राज जी चन्द्राणा चौहान, अब यह कुल ख़तम हो गया.
20-खनगराज सिंह, कामायखानी चौहान, जो झुंझनू मैं है, जिला कानपुर देहात. लेकिन गद्दी टूट गयी, मुस्लमान बन गए.
21-हरिराज जी, जावला चौहान, जोहरगढ की गद्दी थी, लेकिन टूट गयी.
22-धुजपाज जी, गोरखा चौहान, जो गढददरेश मे जाकर बस गए.
23-किल्लान जी किशना चौहान, जो किशना गोत्र के गुजर चौहान हुए, जो बांदनवाड़ा, अज़मेर मैं हैं.
24-कनकपाल जी कटैया चौहान, जो सिद्धगढ़ी मे गद्दी हैं, जो पंजाब मे हैं.
आगे पढे............ Bharatsingh230596.bs@gmail.com.
भारत सिंह
सुन्ना
Kakrawali
जिला -ेताह उत्तर प्रदेश
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अग्निवेश के सम्मेलन कर्ता ऋषि
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1-वत्सम ऋषि
2-भार्गव ऋषि
3-अत्रि ऋषि
4-विश्र्वामित्र ऋषि, बिभिन ऋषियों ने प्रकट होकर अग्नि देव को आहुति दी, तोह विभिन्न ऋषियों ने चार वंसौ की उत्पत्ति की.
इस प्रकार
1-पाराशर ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी, परिहार की उत्पत्ति की. (पाराशर ऋषि गोत्र )
2-वशिष्ठ ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी.तोह परमार की उत्पत्ति की. (वशिष्ठ गोत्र )
3-भारद्वाज ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो सोलंकी की उत्पत्ति की. (भारद्वाज गोत्र )
4-वत्स ऋषि ने प्रकट होकर अग्नि मैं आहुति दी. तो चौहान की उत्पत्ति की. (वत्स गोत्र )
चौहान की उत्पत्ति अबू शिखर पर हुई.
दोहा :-
चौहान का वंश उजागर हैँ, जिन जन्म लियो धारी के भुजा चारी,
बौद्ध मतों को विनाश कियो और विप्रन को दिए वेद सुचारी"
चौहान की पीडियो की बाद अजयपाल जी महाराज पैदा हुए. जिन्होंने अबू पर्वत छोड़कर अजमेर शहर बसाया. अजमेर मै पृथवीतल से 15 मील ऊँचा तारागढ़ किला बनबाया, जिसकी वर्तमान मील 10 मील ऊंचाई हैँ, महाराज अजयपाल सिंह चक्रवती सम्राट हुए.
इसमें कई वंश के बाद मणिकदेव जू हुए, जिन्होंने सांभर झील बनाई थी,
सांभर बिन अलोना खाये, माटी बिके यह भेद कहाये.
इनकी कई पीढ़ियों के बाद मणिकदेव जू उर्फ़ लाखन देव जू पैदा हुए.
इनके चौबीस पुत्र हुए और इनकी नाम पर 24 शाखाएं चली और चली आ रही हैं.
1-मुहुकर्ण जी ऊजापारिया या ुजपालिया चौहान, प्रथवीराज का वंश.
2-लालशाह ऊर्फ लालसिंह चौहान हुए, जो मद्रास मैं बसें.
3-हीरा सिंह, धधेदा चौहान हुए, बुंदेलखंड और सिद्धगढ़ मैं बसें.
4-सार्दुलजी सोनगरा चौहान हुए, जालौर झंडी ईसानगर मैं बसें.
5-भगत राज जी, निर्वाण चौहान कहलाये, जो खण्डेला से विखराव
6-अष्ठपाल जी हाडा चौहान , जो कोटा, बूँदी, गद्दी सरकार से सम्मान्नित, 21 तोपों से सलामी.
7-चंद्रपाल जी भदौरिया चौहान, जो चंदावर भदोरा गाव मे, नौगांव, जिला आगरा.
8-चोहिल जी, चोहिल चौहान नाडौल मारवार विखराव हो गया.
9-शूरसेन जी देवरा चौहान, जो सिरोही, सीकर जिला, मध्य प्रदेश, सम्मानित.
10-सामंत जीसाचौरा चौहान, सांचौर का राज्य टूट गया.
11-मोहिल जी चौहान,जो मौहिल गढ़ का राज्य टूट गया.
12-खेवेराज जी उर्फ़ ानकजी बालेगा चौहान, पढालगढ़ का राज्य टूट गया.
13-पोहपसेन जी पवैया चौहान, जो पवैय्यागढ़, गुजरात.
14-मानपाल जी, मौरी चौहान, चाँदोरगढ़ की गद्दी.
15-राजकुमार जी राजकुमार चौहान, जो बलौरघाट, जिला सुल्तानपुर मे.
16-जसराज जी जैनवार चौहान, जो पटना, बिहार गद्दी, जो टूट गयी.
17-सहमल जी वलेशा चौहान, जो मारवाड़ गद्दी राजस्थान.
18-बच्छराज जी बच्छगोत्री चौहान, जो अवध मे गद्दी, टूट गयी.
19-चंद्र राज जी चन्द्राणा चौहान, अब यह कुल ख़तम हो गया.
20-खनगराज सिंह, कामायखानी चौहान, जो झुंझनू मैं है, जिला कानपुर देहात. लेकिन गद्दी टूट गयी, मुस्लमान बन गए.
21-हरिराज जी, जावला चौहान, जोहरगढ की गद्दी थी, लेकिन टूट गयी.
22-धुजपाज जी, गोरखा चौहान, जो गढददरेश मे जाकर बस गए.
23-किल्लान जी किशना चौहान, जो किशना गोत्र के गुजर चौहान हुए, जो बांदनवाड़ा, अज़मेर मैं हैं.
24-कनकपाल जी कटैया चौहान, जो सिद्धगढ़ी मे गद्दी हैं, जो पंजाब मे हैं.
आगे पढे............ Bharatsingh230596.bs@gmail.com.
भारत सिंह
सुन्ना
Kakrawali
जिला -ेताह उत्तर प्रदेश
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